स्वप्न मेरे: नए साल में नए गुल खिलें, नई हो महक नया रंग हो ...

शनिवार, 31 दिसंबर 2016

नए साल में नए गुल खिलें, नई हो महक नया रंग हो ...

दोस्तों नव वर्ष की पूर्व-संध्या पे आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं ... नव वर्ष सभी के लिए सुख, शांति और समृद्धि ले के आए ... सब को बहुत बहुत मंगल-कामनाएं ...
   
नए साल में नए गुल खिलेंनई हो महक नया रंग हो
यूं ही खिल रही हो ये चांदनी यूं ही हर फिज़ां में उमंग हो

तेरी सादगी मेरी ज़िंदगीतेरी तिश्नगी मेरी बंदगी
मेरे हम सफ़र मेरे हमनवामैं चलूं जो तू मेरे संग हो  

जो तेरे करम की ही बात हो मैं ख़ास हूँ वो ख़ास हो
तेरे हुस्न पर हैं सभी फिदातेरे नूर में वो तरंग हो   

तो नफ़रतों की बिसात हो तो मज़हबों की ही बात हो
उदास कोई भी रात हो चमन में कोई भी जंग हो 

कहीं खो जाऊं शहर में मैंमेरे हक़ में कोई दुआ करे
ना तो रास्ते  मेरे गाँव के , मेरे घर की राह न तंग हो


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है